पृथ्वी की सतह से लगभग 700 किलोमीटर नीचे मिला है ये विशाल महासागर।
नवीन तकनीकी और विज्ञान के विकास को ध्यान में रखते हुए, वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की साथ के नीचे एक गहरे पानी का भंडार या श्रोत खोज निकाला है। यह जल भंडार एक विशाल महासागर के रूप में पृथ्वी की सतह से लगभग 700 किलोमीटर नीचे स्थित है। इसकी खोज इवान्स्टन, इलिनोइस में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से हुई है।
पृथ्वी पर पानी की उत्पत्ति की खोज में लगी वैज्ञानिकों तथा शोधकर्ता की एक टीम द्वारा इसका पता लगाया गया । उनके द्वारा कहा गया की पृथ्वी की सतह के नीचे एक विशालकाय महासागर छिपा हुआ था। यह पानी का स्रोत उनके खोज और समझ को एक नई चुनौती देता है।
इस छुपे हुए समुद्र को देखते हुए वैज्ञानिकों का कहना है की या “यह पृथ्वी के जल चक्र तथा इसकी भयावहता को पुनः से मूल्यांकन करने को प्रेरित करता है।इस रहस्य का उद्घाटन करने की पीछे वैज्ञानिकों की टीम तथा उनका नेतृत्व करने वाले नार्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता “स्टीवन जैकबेसन” को जाता है, इनका दावा यह है की “पृथ्वी का पानी उसके आंतरिक भाग से आंतरिक रूप से उत्पन्न हुआ था”।
इस प्रकार की खोज से पता चलता है की पृथ्वी के जल चक्र के बारे में जो हमारी सोच या समझ है अभी अधूरी है। यह हमारी समझ को एक नया आकार देता है, तथा हमे यह बताता है की पानी मेंटल के भीतर भी मौजूद हो सकता है, चट्टानों के कणों के बीच प्रवास कर सकता है। जैकबसेन ने जलाशय के पूरे शोध के महत्व तथा भूमिका पर पूरा प्रकाश डाला है। यह ग्रह की मूलभूत प्रक्रियाओं पर एक नया दृष्टिकोण प्रकट करता है। इस रहस्यमय खोज पर शोधकर्ता पूरी तरह नजर रखे हुए है तथा इस पूरे चक्र का निष्कर्ष निकलने में एक दूसरे की मदद कर रहे है।